लगता है कि आगरा पगला गया है। हो सकता है कि यह पागलखाने का असर हो। परन्तु यह नहीं हो सकता ? फिरयह क्या है। समझ के बाहर है। इस समय आगरा में जोर शोर से एक ही कार्यक्रम चल रहा है। कलर्स चैनल के चकधूम धूम और सोनी चैनल के इंडियन आइडियल में जीतने वालों को धडाधड एस ऍम एस भेजने का। अखवारों मेंइस बावत विज्ञापन छापे जा रहें हैं। यहाँ होने वाले हर कार्यक्रम में मेसेज भेजने का अनुरोध किया जा रहा है। आगरा के कुछ छपास प्रेमी और प्रतियोगियों की जाति वाले इस मुहिम में विशेष रूप से लगे हुए है। आश्चर्य तो इसबात का है कि इस मुहिम में आगरा के प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हो गए हैं। यह मुहिम चैनल और मोबाईलकंपनी को मालामाल करने के लिए चलाई जा रही है। आगरा की साहित्य और संस्कृति व् कला में विशिष्ट पहचानरही है। इस तरह के उछल कूद वाले नाच की प्रतियोगिता के लिए हम क्यों पगला रहे हैं। अगर कोई जीत भी गयातो क्या होगा। अभी विगत माह आगरा के ही साहित्यकार डाक्टर लाल बहादुर सिंह चौहान को शिक्षा और साहित्यमें पद्मश्री की उपाधि से अलंकृत भारत की राष्ट्रपति महामहिम प्रतिभा पाटिल ने किया। शायद ही यहाँ के लोगों नेउनका जोरदार सम्मान किया हो। अफ़सोस इस बात का है कि चैनल्स के माल मारो अभियान में हमारे शहर केकथित समाजसेवी, राजनेता और प्रबुध्य भी लोग शामिल हो रहे है। इन लोगों का लक्ष्य लाखों एस एम एस करानेका है। यह भी प्रचार किया जा रहा है कि एक सिम से ९० मेसेज भेजे जा सकते हैं। इस तरह चैनल्स और मोबाइलकंपनियों को करोड़ों का फायदा होगा और हम बेकार में ही उनके झांसे में आ रहे हैं। लोगों को याद होगा कि पहले स्टार प्लस चैनल पर कौन बनेगा करोडपति शो आया था जिसमे चैनल और फ़ोन कंपनियों ने दसियों करोड़कमाए। आखिर हम कब तक बाज़ार के शिकार बनते रहेंगे.
वर्तमान समय मूल्यों के पतन का है। ऐसे समय में रचनाकारों का दायित्व बन जाता है कि वे अपने युगधर्म का निर्वाह करें। यह ब्लॉग रचनाधर्मिता को समर्पित है। मेरा मानना है- युग बदलेगा आज युवा ही भारत देश महान का। कालचक्र की इस यात्रा में आज समय बलिदान का।
सोमवार, 19 जुलाई 2010
पगला गया है आगरा
लगता है कि आगरा पगला गया है। हो सकता है कि यह पागलखाने का असर हो। परन्तु यह नहीं हो सकता ? फिरयह क्या है। समझ के बाहर है। इस समय आगरा में जोर शोर से एक ही कार्यक्रम चल रहा है। कलर्स चैनल के चकधूम धूम और सोनी चैनल के इंडियन आइडियल में जीतने वालों को धडाधड एस ऍम एस भेजने का। अखवारों मेंइस बावत विज्ञापन छापे जा रहें हैं। यहाँ होने वाले हर कार्यक्रम में मेसेज भेजने का अनुरोध किया जा रहा है। आगरा के कुछ छपास प्रेमी और प्रतियोगियों की जाति वाले इस मुहिम में विशेष रूप से लगे हुए है। आश्चर्य तो इसबात का है कि इस मुहिम में आगरा के प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हो गए हैं। यह मुहिम चैनल और मोबाईलकंपनी को मालामाल करने के लिए चलाई जा रही है। आगरा की साहित्य और संस्कृति व् कला में विशिष्ट पहचानरही है। इस तरह के उछल कूद वाले नाच की प्रतियोगिता के लिए हम क्यों पगला रहे हैं। अगर कोई जीत भी गयातो क्या होगा। अभी विगत माह आगरा के ही साहित्यकार डाक्टर लाल बहादुर सिंह चौहान को शिक्षा और साहित्यमें पद्मश्री की उपाधि से अलंकृत भारत की राष्ट्रपति महामहिम प्रतिभा पाटिल ने किया। शायद ही यहाँ के लोगों नेउनका जोरदार सम्मान किया हो। अफ़सोस इस बात का है कि चैनल्स के माल मारो अभियान में हमारे शहर केकथित समाजसेवी, राजनेता और प्रबुध्य भी लोग शामिल हो रहे है। इन लोगों का लक्ष्य लाखों एस एम एस करानेका है। यह भी प्रचार किया जा रहा है कि एक सिम से ९० मेसेज भेजे जा सकते हैं। इस तरह चैनल्स और मोबाइलकंपनियों को करोड़ों का फायदा होगा और हम बेकार में ही उनके झांसे में आ रहे हैं। लोगों को याद होगा कि पहले स्टार प्लस चैनल पर कौन बनेगा करोडपति शो आया था जिसमे चैनल और फ़ोन कंपनियों ने दसियों करोड़कमाए। आखिर हम कब तक बाज़ार के शिकार बनते रहेंगे.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें